इतनी बड़ी नहीं होनी चाहिए थी पृथ्वी
कि कोई आंख देख न सके
उसकी समूची गोलाई
किसी पेड़ पर चढ़कर भी
इतनी छोटी भी नहीं
कि हथेली पर रख ले कोई भी
और उठा ले जाए झोले में भरकर
होती गर तो कुछ यूं कि
मेरे गांव में मुसहर की लड़की
जब खोदे कुदाल से चूहे का कोई बिल
तो एक बार मिल जाए उसे बिल गेट्स का देश
या उस देश के छुपाए कुछ हथियार
और शाम को जुटे पूरा गांव
कि ये कैसा तो चूहा है
सूख के कितना कड़ा हो गया है
फिर फेंक दिया जाए उसे नाली में.
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