तराशना है अगर समतावादी एक विकल्प
लेना होगा नियंत्रण की वर्जानाएं तोड़ने संकल्प
तोडनी होगी रश्म-ओ-रिवाज़ की दीवारें
ध्वस्त करनी होंगी वैचारिक वर्चस्व की प्राचीन प्राचीरें
आयेगी ही कभी-न-कभी तो जनवाद के आंधी
उड़ जायेंगे जिसमें सारे नकली गांधी
[३०.०३.२०१३]
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