गुरुवार, 28 मार्च 2013

वो कागज़ ही थे



वो कागज़ ही थे
जहां नहीं मारी गई
कोई महिला
दलित
नहीं हुए दंगे
नही हुए घोटाले
नहीं हुआ इंसानियत का
बलात्कार
आप समझ रहे हैं न
कितने अहम हैं कागज़
इस नष्ट होती जाती दुनिया में
इसीलिए कागज़ बचाइए
कागज़ बचेगा तो देश बचेगा

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