दामिनी-ई-कोह
रिची बुरु
शनिवार, 12 जुलाई 2014
यूँ तोहमत (Naushad Alam)
यूँ तोहमत लगाने से पहले
मेरी फितरत तो जान लेते
कीचड़ उछालने से पहले
मेरी सीरत तो पहचान लेते
मैं तो ठहरा नाक़ाबिल-नाशाइस्ता
आईने में अपनी सूरत भी तो छान लेते
नाक़ाबिल - अयोग्य
नाशाइस्ता- असभ्य
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