शनिवार, 5 जुलाई 2014

ओ मेरी मैना ( geet) Naushad Alam


ओ मेरी मैना

तुझे ढूंढे मेरे नैना
तुम उड़ो आकास में 
करो चाँद तारों की सैर
जब शाम ढले
आ जाना मेरे अंगना
ओ मेरी मैना
तुझे ढूंढे मेरे नैना

तुम उड़ती फिरो बागों में
बनके बहारों की रानी
जब याद सताए तेरी
बीते न बीते रैना
लौट आना मेरे अंगना
ओ मेरी मैना
तुझे ढूंढे मेरे नैना

तुम इतराती फिरो हवाओं में
झूमती गाती रहो कलियों के संग
जब तुझको पुकारे मेरा मन
मुश्किल हो जाए जीना तेरे बिना
लौट के आना मेरे अंगना
ओ मेरी मैना
तुझे ढूंढे मेरे नैना

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