शनिवार, 26 जुलाई 2014

आज एक गीत का अंश .....

 संध्या सिंह
आज एक गीत का अंश .....
जब आँखों में घन गहराए
बरखा का अंदेसा छाये


मुस्कानों के दीप जलाऊँ 

अधरों की देहरी पर
जब सपनों पर लगे फफूंदी
जीवन में चौमासा आये
जब पीड़ा के अंकुर पनपें
उत्सव पर सीलन आ जाए
तब उठ कर बिन सूरज के ही
तम के श्यामपट्ट पर लिख दूँ
उजियारे के अक्षर
मुस्कानों के दीप जलाऊँ
अधरों की देहरी पर

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