वे चाहते है
तेरे काम की चर्चा
हर वर्ग में हर
शहर में हो
वे चाहते है
सुरखियों में रहे तेरे नाम
नाम का दाम मिलते रहे
इसलिए हर बार
तुलना कर दिये जाते है
आंखों में सपने
उच्चे पायदान
उच्चे आका’ा
छाये हुए तस्वीर
की ओर इसारा कर
बताते है वो
जानते हो सखी
वे चाहता ऐसा क्यों है
उस काम, नाम, दाम
से सुरक्षा बनाना है
तेरे काम से
वे चाहते है
तु उचाई के उस सीमा पार कर
पर मैना बनकर
उसी की रह
वे इंसारा करता चला जाएगा
सपने बुनता चला आएगा
तेरे काम नाम और दाम पर
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