शनिवार, 13 दिसंबर 2008

संघर्ष

संग- संग चल
संघर्ष तय हैं। देख नया रास्ता बीती बात सुन।
संग- संग चल
संघर्ष तय है
उतर चुका योजना
बना ले एक रास्ता।
संग-संग चल
संघर्ष तय है। जीवन के रास्ते
बना ले तू सहज
संग- संग चल संघर्ष ंतय है।
आज नही कल, जीत तय है,। जड़ता की जड़
उखड़ देंगे हम।
संग- संग चल
संघर्ष तय हैं।

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