दामिनी-ई-कोह
रिची बुरु
शनिवार, 13 दिसंबर 2008
जतरा
ऐसा सुन्दर एक राज्य जतरा ही हो पहचान
वेा कैसा सुन्दर राज्य होगा।
सूरज की किरण के पहले नृत्य का
एक सुन्दर स्वरूप अपना होगा
जिसके के गीतो में आंदोलन का स्वर
ऐ कैसा जीवन हैं
इसमे निमार्ण का समूह बनता
हर एक
आदमी से
गांव की बुनियाद खड़ा।
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