शनिवार, 13 दिसंबर 2008

गांव से ‘’ाहर ......


गांव से ’ाहर ‘’ाहर से नगर
नगर से महानगर
.महानगर! महानगर!!
हां भाई! हां
महानगर..........
पहंुचने को पहुंचा पहुंचा तो अंगुली से धर लिया पहुंचा
पहंुचा से कंधा
कंधा से धंधा
धंधा में हो गया गंदा
हां भाई! है। गं...दाकृ
बाद में गांव
याद आया
अपने आप को
नर्क महाराज के गोंद में पाया
अब तक क्या खोया क्या पाया
ब्हुत देर में
समझ आया 3

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