शनिवार, 16 अक्टूबर 2010

फैसला


मिर्ची

आज धुप में गर्माहट काम थी.
बहर के रस्ते पर
तेज और तेज गाड़िया चल रही थी
लोगो के चहरते पर
फैसला सुनने की चाहत
आपने काम का निपटारा का
तनाव
समय बीतने के साथ
रास्ते में हौर्न काम पद रहे थे
कई दुकानों की स्टार निचे आ रही थी
दुकानों के सामान दूर रखे जा रहे थे
एक ही समुदाय समूह में क़तर बनाये
आपने घर की और थे.
दुपहर का समय था.
फ़ोन पर सुचना
आपनो को लेने लगे थे
हर घर पर टीवी खुली हुई थी.
मेहनतकश को छोर
पूरी दुनिया टीवी के करीब था


1 टिप्पणी:

संजय भास्‍कर ने कहा…

सुंदर प्रस्तुति....
आपको
दशहरा पर शुभकामनाएँ ..