अलोका
“ाब्द पढ़े थे तुने
मन में उठी होगी कोई
क”ाक
बदले मे उद्ववेलित किया था
तुने वो “ाब्द
जिसके सहारे में लिखने लगी थी
प्रेरणा के कविता
उस कविता से
गुजरेगी तुम्हारी निगाहे
हर “ाब्द तुमसे लेेगा बदला
यह सोच कर कि एक पल
आएगा हमारा
दिल और दिमाग में
जब छाएगा वह प्यार
तुम भूल चुके हो तब तक
जब “ाब्दों की प्रवाह से
मैं देती रहूगी तूझे अहसास
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