शुक्रवार, 30 मार्च 2018

लिली ईस्टर


आलोका

पवित्र जल लिए मुलाकात मां से
लिली के इस गुच्छे लिए
कर देना हवा और मन को भी पवित्र
तैरती सुगंधित  हवा मे 
नवचन्द्रमा से जोग करा आना
नवविधान के रूप मे 
धरती मां मिल आना। 
मृतोत्थान  मात्र वे  
चमकते प्रकाश के बीच 
चिराग हमेशा बनना
इस ऋतु के बीच
प्रेम का संवाद से ढक लेना। 
तेरे लहू की सूली पर 
बंसत पूर्णिमा के बीच
मानव मन भूखा है 
प्रेम और सन्हे के लिए
धरती मे आज भी जीवत है
संकल्प तेरे लिए
हम मानते है लहू मे 


विश्वास भी  मन मे

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