शब्दकार की बस्ती में ---
बहती सरिता चीत्कार करे
शांति नहीं अब घर में देखो
औरतो का आपमान मिले -2
कही सीता कही द्रोपती
फातिमा पर वार हुए
मर्द की इस दुनिया मे देखों
आग्नि से गुजर रहे
क्ही चिर हरण, कही हत्या सीमा से तों पार हुए .......
फूटे स्वर एकता की
औरतो को सम्मान मिले
बहती सरिता गुजर रही----
शब्दकारो की बस्ती से
एक ही शब्द सब से कहती
हिंसा तूम दूर करो को
माता मरियम ने दिया है
शांति के बदलाव को
मदर टेरेसा हमे दी है ---
प्रेम सारे पाठ को
अब तो शब्दकार की बस्ती में
ये सारे साज है
उठो जागोए बदला दो अबए अपने इस संसार को
स्त्री हिंसा नही सहेगे
कह दो एक बार तुम
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