सोमवार, 4 जुलाई 2016

#फूल की# राह (Aloka)

फूल_ की_ राह#
 अब कांटो से भर दिया।
वो आया एक फूल लेकर।
हम चुप रहे।
फिर आया फूल के झूंड लेकर
हम चुप रहे।
वो आया समूह में।
हम चुप रहे।
वो आया हमारा मुखिया बन कर।
हम चुप रहे।
वो आया हमारे समूह मे।
हम चुप रहे।।
वो आया अगुआ बन कर।
हम चुप रहे।
अब वो आया आपना निर्णय लेकर।
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