दामिनी-ई-कोह
रिची बुरु
रविवार, 29 दिसंबर 2013
इंटरनेट में तस्वीर
आलोका
ओ बात और थी
ओ बाते भी कुछ और थी
जब तस्वीर दिल में
उतार
याद करती किया करते थी
गुजर गया न ओ पल
बदल गयी न ओ हालत
सोचा न था
दिल का जगह
ले लेगा इंटरनेट
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