आलोका
हम एक है
हम ही कहते है
न रंग न जाति
हम ही कहते है
एक है एक है
का नारा हम ही लगते है
पुछू साथी
जब किरायेदार पर बवाल
हुआ था
अयोध्या में
नारे रखा गया था रेक में
न्यायलय में
हम
टकटकी लगाये
बैठे थे साथी
सारे सफ़र रास्ते छोड़ गये थे साथी
भगवान, खुद दिल में रह गए साथी
जमीन का बवाल जमीन में रहे गया
हमारी
ज़मीर तो बच गया साथी
हम किरायेदार थे
किरदार रह गए.
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