खामोश अंधेरा
आलोक
आज शहर की रात गहरी है
खामोश अँधेरा है
रात रुक गई है
लग रहा है
कल का सूरज
आश्मान में आयगा भी की नहीं
उस घर जहा
कल तक सपने बुने जाते थे
जहाँ
आज सपने लुटते हुए देखा है
वर्सो लग गए थे
आसियान बने में
पल में मिटटी में
बदल दिया
उनके जहा को
आज उनके जहा
अँधेरा है
कल का सपना
बदल गया है
पल में आपने
बेगाने हो गए है
आज शहर की रात गहरी है
खामोश अँधेरा है
रात रुक गई है
लग रहा है
कल का सूरज
आश्मान में आयगा भी की नहीं
उस घर जहा
कल तक सपने बुने जाते थे
जहाँ
आज सपने लुटते हुए देखा है
वर्सो लग गए थे
आसियान बने में
पल में मिटटी में
बदल दिया
उनके जहा को
आज उनके जहा
अँधेरा है
कल का सपना
बदल गया है
पल में आपने
बेगाने हो गए है
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