सोमवार, 7 नवंबर 2011

साहिल

तमसिल 

ये वफ़ा का सिला है , तो कोई बात नहीं
ये दर्द तुम ने दिया है , तो कोई बात नहीं

यही बहुत है की तुम देखते हो साहिल से
दिल डूब रहा है , तो कोई बात नहीं

रखा था आशियाना -ऐ -दिल में छुपा के तुमको
वो घर तुमने छोड़ दिया है तो कोई बात नहीं

तुम ही ने आएना -ऐ -दिल मेरा बनाया था
तुम ही ने इसको तोड़ दिया है तो कोई बात नहीं

कहाँ किसी में है हिम्मत जो कहे दीवाना
अगर ये तुमने कहा है तो कोई बात नहीं

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