रविवार, 3 जुलाई 2011

यह एक फसाना नहीं..


तमसिल

यह एक फसाना नहीं, 
हकीकत है
अपना एक जहां यहां है
एक वहां है
प्यार पनपता यहां है
और परवान चढ़ता वहां है
जिंदगी कटती यहां है
और रक्स होती वहां है
दिल रहता यहां है
और धड़कता वहां है
सपने दिखते यहां है
और साकार होते वहां है
इरादे बनते यहां है
और मजबूत होते वहां है
गरचे सच कहूं तो तमसिल
इस जहां से उस जहां तक
जद्दोजहद जिंदगी का हर लम्हा है



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