सोमवार, 30 जून 2014

वो कहते हैं (Naushad Alam)

वो कहते हैं

मैं बीमार हूँ
मुझे जरूरत है
इलाज और दवा की


मेरी आँखों की रोशनी में
कम हो गई है चाशनी
हरे में लाल और पीले में
काला दिखाई देता है
मुझे जरूरत है
इलाज और दवा की
वो कहते हैं
मैं अस्वस्थ हूँ
मेरा दिमाग दिग्भ्रमित है
सोच में खोंच है और
समझ में संकट है
मुझे जरूरत है
इलाज और दवा की
वो कहते हैं 
मैं पीड़ित हूँ
एक अजीब असाध्य से
मैं उल्टे को सीधा और
सीधे को उल्टा समझ लेता हूँ
मुझे जरूरत है 
इलाज और दवा की
वो कहते हैं
मुझमे एक अजीब सनक भी है
मैं कभी कभी दिन को रात और
रात को दिन बताते हुए
हठ करने लगता हूँ
मैं बीमार हूँ
कियोंकि मुझे हरे में लाल और
पीले में काला दिखाई देता है