जिंदा लाशो का शहर है
जी रहे लोग बे असर है।
अपनी ही जमी पर
बेगाने हो चुके हैं।
ताकते मुह वो हार का
न साथी न राह का
जिंदा लाशो का शहर है।
वे जुबा बे खबर है।
रोज लूट रहे है।
कहते सीधे अच्छे सब।
ये लाशो के शहर में।
जिंदा लाशो का शहर है।
जहां के लोग वे खबर है।
राजनीति बेअसर है।
पार्टी सब के सब वेजूबा है।
रोज ऊठ रहे है।
व्यापरियों के नारे
सब रख आये
तराजू के साये
जिंदा लाशो का शहर है।
शहर पे शहर है।
अंधेरे मे जी रहे है।
सब सौप आये है।
वोटो का सौदा कर आये है।
एक -एक
राजनीति पार्टी ने
दिखता अवकात है।
सत्ता के गलियारों मे
जिंदा लाशो की फौज है।